पन्ना टाइगर रिजर्व में बियर वैली कैंप के संचालक सलिल दलवी का कथित तौर पर अपहरण किए जाने व रिसोर्ट से जबरन सामान उठा ले जाने का आरोप लगाते हुए मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के फॉरेस्ट अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए गए हैं। जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने मामले में अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 मई को निर्धारित की है।

यह मामला सलिल दलवी की ओर से दायर किया गया है। जिनकी ओर से अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता बियर वैली कैंप रिसोर्ट का संचालन करते हैं। आरोप है कि जंगल विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के रिश्तेदारों को फ्री सेवा उपलब्ध न कराने पर उनके खिलाफ दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई करते हुए प्रताड़ित किया गया।

आरोप है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की डायरेक्टर अंजना तिर्की, डिप्टी डायरेक्टर मोहित सूद आईएफएस सहित 13 रेंजर एवं डिप्टी रेंजरो द्वारा अन्य कर्मियों के साथ 4 अप्रैल 2024 उनके बियर वैली कैंप रिसोर्ट का सर्च वारंट जारी किया गया। इतना ही नहीं आरोप है कि रिसोर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरा गाड़ी और जो भी रिसोर्ट में सामान मिला सब उठा ले गए। याचिकाकर्ता का भी जबरन अपहरण कर अपने साथ ले गए। 

आरोप है कि अनावेदकों ने याचिकाकर्ता का मोबाइल फोन छीनकर अपने पास रख लिया और छह घंटे तक जंगल में घुमाते रहे। जिस पर याचिकाकर्ता की पत्नी ने पन्ना एसपी से मदद की गुहार लगाई और शिकायत कॉपी उनके वाट्सअप पर भेजी। इसके बाद याचिकाकर्ता को मुक्त कराकर कैंप भिजवाया गया और मामले की जांच पन्ना एसडीओपी को सौंपी गई।

मामले में प्रमुख सचिव फॉरेस्ट व गृह विभाग, पीसीसीएफ, एसपी पन्ना, अजयगढ़ थाना प्रभारी, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व अंजना तिर्की, डिप्टी डायरेक्टर मोहित शूद, असिस्टेंट डायरेक्टर देवेन्द्र अहिरवार, रेंज आफीसर प्रतीक अग्रवाल, डिप्टी रेंजर प्रमोद शुक्ला, रेंजर सीपी प्रजापति, राहुल पुरोहित व डिप्टी रेंजर अजीत सिंह को पक्षकार बनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने शासकीय अधिवक्ता को मामले में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 मई को निर्धारित की है।

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